बिखरा पड़ा मिला
लगा बेकार जो पत्थर
जुड़ जुड़ बना पहाड़
लगा जैसे सुंदर कोई शिखर
खाली हाथ मिला
लगा गुमनाम जो फ़कीर
झोला क्या उठाया साथ
लगा शायद हो मशहूर मुसाफिर
गैरों ने हाल पूछा
कहा ठीक तो हूं यार
अपनों ने पास बुलाया
लगा अब ये वक्त ना मांगले उधार
गलती से चुभ गया
लगा पांव में जो कंकर
मंदिर में क्या मिला
लगा जैसे वही है शिव शंकर