Zindagi
ज़िन्दगीइन पत्तो की तरहकभी गुलाबी, कभी हरी, कभी पिली, कभी बादामी होती है…हर रंग की इज़्ज़त करे…और प्यार भी…एक ही रंग की चाहत और उम्मीदसिर्फ सूखा छोड़ जाती है…
ज़िन्दगीइन पत्तो की तरहकभी गुलाबी, कभी हरी, कभी पिली, कभी बादामी होती है…हर रंग की इज़्ज़त करे…और प्यार भी…एक ही रंग की चाहत और उम्मीदसिर्फ सूखा छोड़ जाती है…
How honest are you while answering every “How are you” people casually throw at you in the name of conversation starter? Do you run out of words while introducing yourself to others? Our answers change depending on the people who are asking,… Continue reading