छोटी सी चिड़िया

इक  छोटी सी  चिड़िया  बाग़  में  उड़ा  करती  थी, कभी  इधर तो कभी उधर, बस  युहीं  टहला करती थी थके  न  कभी  उसके  पंख, हवा में  लहराया करती थी, कितना  ऊपर,  कितना  नीचे,  कभी  न  परवाह  करती थी बिना  डरे… Continue reading