मुझे लगा
बिखरा पड़ा मिलालगा बेकार जो पत्थर जुड़ जुड़ बना पहाड़लगा जैसे सुंदर कोई शिखर खाली हाथ मिलालगा गुमनाम जो फ़कीर झोला क्या उठाया साथलगा शायद हो मशहूर मुसाफिर गैरों ने हाल पूछाकहा ठीक तो हूं यार अपनों ने पास बुलायालगा… Continue reading
बिखरा पड़ा मिलालगा बेकार जो पत्थर जुड़ जुड़ बना पहाड़लगा जैसे सुंदर कोई शिखर खाली हाथ मिलालगा गुमनाम जो फ़कीर झोला क्या उठाया साथलगा शायद हो मशहूर मुसाफिर गैरों ने हाल पूछाकहा ठीक तो हूं यार अपनों ने पास बुलायालगा… Continue reading